नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में हम vayu pradushan ( वायु प्रदुषण ) के बारे में पड़ने वाले है यदि आप भी जानना चाहते है वायु प्रदुषण किसे कहते है, वायु प्रदुषण की परिभाषा, वायु प्रदुषण के कारण, वायु प्रदुषण रोकने के उपायतो आप बिलकुल सही पोस्ट पर आये है तो आइये शुरू करते है
vayu pradushan ( वायु प्रदुषण )
वायु मानव के जीवित रहने के लिये सबसे महत्वपूर्ण तत्व है वायु के बिना हम मानव जीवन की कल्पना भी नही कर सकते है
मनुष्य तथा जीव-जंतु अक्सिकरण की क्रिया में आक्सीजन गेस ग्रहण करते है तथा कार्बन डाई आक्साइड गैस छोड़ते है उसी प्रकार पेड़-पोधे कार्बन डाई आक्साइड ग्रहण करते है और आक्सीजन गैस छोड़ते है
वायुमंडल में ये गेंसे किसी विशेष मात्रा में पाई जाती थी लेकिन वायु प्रदूषण के कारण इन गैसो की वायुमंडल में जो मात्रा है उनमे असंतुलन पैदा हो गया है जिससे जीवन संकट में आ गया है
परिभाषा :- जब वायु में रसायन या ऐसे सूक्ष्म पदार्थ मिल जाते हैं जो वायु की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं, साथ ही साथ मानव तथा जीव जंतुओं के लिए भी हानिकारक होते हैं वायु प्रदूषक कहलाते हैं और इससे होने वाले प्रदूषण को वायु प्रदूषण कहते है
Vayu pradushan ke Karan (वायु प्रदूषण के कारण) :-
- हमारे देश में बहुत से औद्योगिक प्लांट और कारखाने हैं इनसे बड़ी मात्रा में धूएँ का उत्सर्जन होता है और यह कारखाने तथा प्लांट निकलने वाला दूषित धुआं वायु में मिलकर वायु को प्रदूषित करता है
- औद्योगिक फैक्ट्रियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सीसा, अमोनिया, रेडियो एक्टिव पदार्थ तथा अन्य हानिकारक गैस वायु में मिलकर वायु को दूषित करती है जिससे भी वायु प्रदूषण होता है
- वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु में घुलकर वायु को दूषित कर देता है जिससे भी वायु प्रदूषण होता है
- ऑफिस तथा घरों में लगने वाले एयर कंडीशनर से भी हानिकारक गैसें निकलती है जो वायु को प्रदूषित करती है
- घरेलू कार्य जैसे खाना पकाने, पानी गर्म करने के लिए लकड़ी, कोयला, रासायनिक तेल आदि को जलाया जाता है जिससे कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि गैसें निकलती है जो वायु में मिलकर वायु को दूषित करती है
- ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा, कोहरा, जंगल में लगी हुई आग से उत्पन्न धुएं के कारण भी वायु प्रदूषण होता है
Vayu pradushan ke prabhav (वायु प्रदूषण का प्रभाव) :-
- प्रदूषण के कारण ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है जिससे ओजोन परत में छिद्र होते जा रहे हैं, ओजोन परत में छिद्र होने के कारण वह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को नही रोक पाती और यह किरणें सीधे धरती पर आ जाती है जिससे त्वचा संबंधी बहुत सी बीमारियां होने का खतरा रहता है
- वायु प्रदूषण के कारण मानव जाति पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है वायु में अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ घुल गये है जो वायु के साथ मनुष्य के फेफड़ों में जाकर स्वास्थ्य संबंधी अनेक बीमारियां उत्पन्न करती है
- वायु प्रदूषण के कारण सामान्य तापमान में भी वृद्धि हो गई है जिसके कारण कुछ सालों से सर्दियां लगातार घटती जा रही है
- नाइट्रोजन ऑक्साइड ,सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैस जल की बूंदों के साथ मिश्रित हो जाती है तथा वर्षा के जल के साथ पृथ्वी पर गिरती है, इसे अम्लीय वर्षा करते हैं | अम्लीय वर्षा मनुष्य, जानवरों तथा फसलों के लिए बहुत हानिकारक होती है
- वायु में मौजूद विषाक्त गैसें वन्यजीवों को अपने आवास को परिवर्तित करने के लिए मजबूर कर देते हैं जिससे उनकी असमय ही मृत्यु हो जाती है
vayu pradushan rokne ke upay (रोकने हेतु प्रमुख उपाय):-
- पेड़-पौधों की हो रही है अंधाधुंध कटाई को रोका जाना चाहिए तथा नया पेड़ लगाने चाहिए जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है
- वाहनों का उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए तथा ईंधन से चलने वाले वाहनों के स्थान पर हमें इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाले वाहनों का उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए
- कारखानों को शहरों तथा नगरों से दूर स्थापित किया जाना चाहिए तथा ऐसी तकनीक का उपयोग करना चाहिए जिससे कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट धुएं अधिकतर भाग अवशोषण किया जा सके
- कारखानों की चिमनिया अधिक ऊंचाई पर लगाई जानी चाहिए तथा कारखानों से निकलने वाले धुएं का उचित प्रबंध किया जाना चाहिए
- ऐसे ईंधन का उपयोग किया जाना चाहिए जिसका पूर्ण रूप से अवशोषण हो जाए और दुआ कम से कम निकले
- घरों में परंपरागत चूल्हे के स्थान पर निर्धूम चूल्हा तथा सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाना चाहिए
- वायु प्रदूषण से होने वाली हानियों के बारे में मानव समाज को रेडियो, समाचार पत्र, TV के माध्यम से सचेत करना चाहिए, जिससे समाज जागरूक हो सके रहे प्रदूषण को रोकने में सहयोग प्रदान करें
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